जीवित पुत्रिका व्रत 25 सितंबर को जितिया व्रत का होगा उपवास : सतेन्द्र नारायण मिश्रा

पटना सिटी, (खौफ 24) पंडित श्री सतेन्द्र नारायण मिश्रा ने बताया कि सप्तमी मिश्रित अष्टमी तिथि को जितिया व्रत करना शास्त्रों में निषेध है। ऐसा करने से पुत्र को हानि पहुंचती है।इसलिए 24/9/2024, दिन मंगलवार को नहाय खाय ( संयता ) करें।इस दिन सप्तमी तिथि शाम में 6 बजकर 11 मिनट तक है। इसके बाद अष्टमी तिथि भले ही लग जा रही है लेकिन व्रती इस दिन व्रत न करें और न ही शाम से अन्न जल ग्रहण करना छोड़ना है।25/9/2024 बुधवार को अष्टमी तिथि में सूर्योदय हो रहा है इसलिए इसी दिन जितिया व्रत का उपवास करें। और 26/9/2024 दिन गुरुवार को

सुबह सूर्योदय के बाद व्रत कर पारणा करें।ऐसा इसलिए कह रहा हूं क्योंकि शास्त्रों में वर्णन है कि यदि केवल सूर्योदय के समय भी अष्टमी तिथि पड़ रहा हो तो भी अष्टमी तिथि का उपवास उसी दिन होगा जिस दिन सूर्योदय अष्टमी तिथि में हुआ हो।शास्त्रों में उपवास संबंधित एक और महत्वपूर्ण बात है कि उपवास 8 प्रहर अर्थात 24 घंटे यानि सूर्योदय से शुरू होकर दूसरे दिन सूर्योदय तक का ही होता है। किसी भी दिन के मध्य काल या अपह्राण काल से शुरू होकर दूसरे दिन दोपहर बाद तक उपवास नहीं किया जा सकता है। व्रत के पारण संबंधित बातें भी बहुत महत्वपूर्ण है। शास्त्रों में कहा गया है कि किसी भी व्रत का पारण दोपहर बाद नहीं हो सकता है। यदि आप ऐसा करते हैं तो उस व्रत का पारण भंग हो जाता है और बिना पारण का व्रत का फल भी नहीं मिलता है। इसलिए लगातार दो व्रत करने की मनाही भी की जाती है। बहुत सारे लोगों को सरगही के बारे में भ्रम होता है। इसलिए मैं यहां यह बताना चाहता हूं कि जो व्रत निर्जला होता है।पूर्व दिन नहाय खाय के दिन रात्रि 12 बजे तक ही सरगही करे

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